New Step by Step Map For bhairav kavach

Wiki Article





इति विश्वसारोद्धारतन्त्रे आपदुद्धारकल्पे भैरवभैरवीसंवादे वटुकभैरवकवचं समाप्तम् ॥

कुमारी पूजयित्वा तु यः पठेद् भावतत्परः । न किञ्चिद् दुर्लभं तस्य दिवि वा भुवि मोदते ।।

हाकिनी पुत्रकः पातु दारास्तु लाकिनी सुतः ॥ 



एष सिद्धिकरः सम्यक् किमथो कथयाम्यहम् ॥ ३॥

लज्जाबीजं तथा विद्यान्मुक्तिदं परिकीर्तितम् ॥ ९॥

सततं पठ्यते यत्र तत्र भैरव संस्थितिः।।

वैसे तो भैरव कवच का पाठ नित्य पूजा में बोलकर आसानी से किया जा सकता है, यदि कोई विशेष कामना हो, जैसे किसी तंत्र बाधा से रक्षा, परीक्षा में सफलता, चुनाव में विजय आदि तो इस विधि से भैरव कवच का पाठ करें।

read more बाटुकं कवचं दिव्यं शृणु मत्प्राणवल्लभे ।



रणेषु चातिघोरेषु महामृत्यु भयेषु च।।

गोपनीयं प्रयत्नेन तत्त्वात् तत्त्वं परात्परम् ।

Report this wiki page